गृह दशा / स्वास्थ्य

गृह दशा / स्वास्थ्य

Astrology : कभी कभी ऐसी स्थिति जीवन में बन जाती है कि जीवनसाथी (पति या पत्नी) का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण विवाह सुख और वैवाहिक जीवन के सुख में कमी रहती है जिससे वैवाहिक जीवन भी थोड़ा नीरस का ही रहता है। यदि वैवाहिक जीवन मे जीवनसाथी के स्वास्थ्य में कमी या दिक्कत के कारण वैवाहिक जीवन सुख में कमी हो रही है या जीवनसाथी स्वास्थ्य कब ठीक हो पायेगा और कैसी स्वास्थ्य की स्थिति रहेगी? यह सब आपकी कुंडली सातवे भाव/सप्तमेश की स्थिति या स्वयम जीवन साथी की कुंडली पर निर्भर करेगा। वैवाहिक जीवन सुख और विवाह सुख यह पति पत्नी के आपसी सहयोग से ही एक दूसरे को मिलता है। ज्‍योतिष पक्ष के अनुसार आइये अब समझते हैं, कब जीवनसाथी के स्वास्थ्य में दिक्कत के कारण वैवाहिक जीवन सुख में कमी बनी रहती है और कैसे जीवनसाथी का स्वास्थ्य अच्छा होगा।

कुंडली का 7वा भाव और इस भाव का स्वामी जीवनसाथी और हमारे वैवाहिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। जब भी सप्तमेश (सातवें भाव के स्वामी) पर या सातवे भाव पर छठे या आठवे भाव के स्वामी या इन भाव का प्रभाव होगा और किसी न किसी एक पाप-क्रूर ग्रह जैसे शनि मंगल राहु या केतु का प्रभाव होगा तब जीवनसाथी के स्वाथ्य में कमी और शारिरिक या मानसिक स्वास्थ्य खराब रहेगा क्योंकि छठा भाव रोग, बीमारी का है तो आठवां भाव बड़े स्तर के स्वास्थ्य में गिरावट मतलब सुखों में बाधाओं का है।।

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